पूरी होवें मनोकामनाएं कृपा प्रभु की रहे, प्रभु विनती" धनपति "की यह स्वीकार हो। पूरी होवें मनोकामनाएं कृपा प्रभु की रहे, प्रभु विनती" धनपति "की यह स्वीकार हो...
अभी तक नहीं समझी हो शायद, तुम मेरे लिए क्या हो लक्ष्मी तो बोल ही दिया है तुझे, पर तुम अभी तक नहीं समझी हो शायद, तुम मेरे लिए क्या हो लक्ष्मी तो बोल ही दिया है तुझे...
और कोलाहल ? और कोलाहल ?
और फिर... और फिर...
और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं... और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...
कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।। कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।।